Native People's Party No conflict in Gandhi and Ambedkar. Native People’s Party believes in the thoughts and teachings of Founder of Satya Hindu Dharm, Satya Vakta, Mahatma Kabir and respects Non Brahmin Native people and leaders like Father of Indian Social Reforms, Satya Dharmi Mahatma Phule, Father of Nation, Satya Prayogi, Mahatma Gandhi and Satya Margi, Bharat Bhaya Vidhata Dr. Ambedkar. We respect them for even smallest contribution towards Nativism and Native Hindus although we may not follow them and their thoughts completely but also we can not forget their contribution to the nation . We do not find any conflicts of thoughts and aim among these four son of India. All were Pujari of Satya. All were Native Indian, Non Brahmins fighting for freedom of India from foreigners slavery. Some times their means and time appear not matching but aim is not different. The latter three were followers of Kabir. .Gandhi was by caste Modh, which is ap...
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Showing posts from January, 2018
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We are Hindu , Hindustani : This is what world says about us . We will believe others but never Brahmins who are dead enemy of Hindu and Hindustan , Hind The name Hind is the Persian language equivalent of Sindh. According to many historians and linguistics, Persians were not able to pronounce Sindh properly. They replace “S” sound with “H” sound in their language. Thus, the word became Sindh to Hind. Hindustan In the 11th century, the Muslim conquerors called their Indian dominion, Hindustan. The Hindustan means the land of Hind. Al-Hind In some Arabic text, India is denoted by the name of Al-Hind, which literally means “the Hind”. Tianzhu Tianzhu is the Chinese historical name for India. Originally pronounced xien-t’juk, it derived from the word “Hindu”. Tenjiku Tenjiku is the Japanese version of the Chinese name for India, Tianzhu. Cheonchuk Cheonchuk is the historical Korean name of India. It is pron...
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हम कहते है संविधान कमजोर है ! आज देश ६९ वा गणतंत्र दिवस मना रहा है। हमने इस अवसर पर नेटिव देशवाशियोंको बधाई दी है। आज हम देख रहे है देश में ब्रह्मिणवादी ताकते सत्ता में है और पंडितवादी ताकते विपक्ष में है। जो कूद को रिपब्लिकन , बहुजन , सर्वजन , दलित , हरिजन , अम्बेडकरी कहते है वे भी या तो ब्रह्मिणवादी खेमे के साथ नजर आ रहे है या पंडितवादी खेमे के साथ नजर आ रहे है। पंडितवादी खेमा कह रहा है संविधान बचावो , रैली निकल रहा है , ब्रह्मिणवादी खेमा कर रह है तिरंगा रैली निकालो संविधान को कोई खतरा नहीं। हम देख रहे है ब्रह्मिणवाद कायम है इस लिए उनको संविधान आज ठीक ठाक लगता है। उधर ब्रह्मिणवादी संविधान बचाव कर रहे है ताकि पंडितवाद बचा रहे। संविधान से ना ब्रह्मिणवाद को कोई खतरा है , नाही पंडितवाद को कोई खतरा है। जो ख़तरा है वो तो उन गैर ब्राह्मण , गैर पंडित देश के ९७ % लोगो को है जो उन्हें इन ३ % ब्रह्मिणवादी , पंडितवादी से नहीं बचा पा रहा है। ऐसी लिए हम कह रहे है संविधान को न ब्रामिनवादी ना ही पंडितवादी को ख़तरा है क्यों की वो देश की सब से बड़ी समस्...
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अफूचा गोळी म्हणा , राजकारण म्हणा , पण हिंदू हाच परिवर्तन करणार जर हिंदू हिंदुस्थानी गैर ब्राह्मण बहुसंख्य लोकांचा वास्तविक धर्म नसता तर अप्ल्पसंख्याक वैदिक ब्राह्मण धर्मी लोकांना विजयाप्रत राजकारण करता आले असते का ? होय हिंदू म्हणजे राजकारण , पण हमखास विजय मिळवून देणारे राजकारण , ते विदेशी ब्राह्मीनाना कळले , धर्म म्हणजे अफूची गोळी , होय खरे आहे , ते विदेशी ब्राह्मीनाना कळले मात्र ते अफूच्या गोळी चे उदाहरण , हिंदू धर्म हे राजकारण म्हणणाऱ्या महाभागांना कळले नाही हे विस्मय कारक दुर्भाग्यच होय . आम्ही हिंदुस्थानी आहोत , हिंदू आहोत या बद्दल वादा चे काही कारण नाही , आमचा धर्म हिंदू आहे तो विदेशी ब्राह्मीनाचा नाही . ब्राह्मीनाचा वैदिक ब्राह्मण धर्म होय ते तो नाकारत नाही आणि सोडायला तयार नाही .मग आमचा धर्म कोणता ? हिंदूच ! मग हा हिंदू धर्म कुठे सांगितलं आहे ? एवढाच विचार करायला हवा . हा हिंदू धर्म कबीरांनी त्यांच्या वाणीतून सांगितलं आहे जो होता , लोप पावला होता , तोच सांगितला . त्यालाच आंबेडकरांनी हिंदू कोडे बिल मध्ये विधी दिली . विधी म्हणजे कानून . हिंदू धर्म आहे ,विधी आ...
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नेटीव्हीसम व नेटिव्ह हिंदुत्व हा अभिनव विचार : नेटीव्हीसम व नेटिव्ह हिंदुत्व हा अभिनव विचार नेटिविस्ट डी डी राऊत नी नेटिव्ह रुल मोव्हमेन्ट च्या माध्यमातून जगाला व विशेषतः हिंदुस्थानाला दिले आहे . नेटीव्हीसम ह्या विचाराने आपण चाललो तर आपण या देशाचा निच्चीतच विकास करू शकतो . या देशाचा विकास खुंटला कारण या देशावर अनेक विदेशी आक्रमकांनी केवळ आक्रमण केले नाही तर इथल्या नेटिव्ह लोकांची गळचेपी केली आहे , त्यांना मुक्त विचार व वेव्हार नाकारला आहे . इथून संपत्ती लुटून नेणे हा तर नित्याचाच भाग होता तर विदेशी ब्राह्मीनानी खुद्द हिंदुस्तानांतच इथल्या लोकांना शूद्र, अस्पृश्य , दुय्यम स्थान देऊन हजारोवर्ष त्यांना लुटले आहे . ३ टक्के विदेशी ब्राह्मण कायम सत्तेत राहिली मग ते मोघल शासन असो किव्हा इंग्रजी शासन असो , इथल्या राजेशाहीनी सुद्धा विदेशी ब्राह्मीनानी आपल्या ताब्यात ठेवली व वेळ आल्यास ती बळकावली . पेशवाई हे त्याचे उदाहरण आहे . मागील ३-४ हजार वर्ष हे असेच चालले आहे . काही तकलादू विचार सारणी ज्यांनी अहिंसे चा पुरस्कार केला व विदेशी ब्राह्मीनो बरोबर हातमिळवणी केली त्या मुले नेटिव्ह हिंदुत्व ची ...
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धर्माचा उदय : जगात आज हजारो धर्म आहे , त्या पैकी बरेच धर्म लोक धर्म असून त्यांचे धर्म संस्थापक कोणी एक व्यक्ती नसून लोक प्रवाह नैतिक विचार हेच आहे . काही ऐतिहासिक धर्म आहेत त्या मद्ये यहुदी धर्म , ख्रिस्ती धर्म , मुस्लिम धर्म यांची एक साखडी असून त्याचा इतिहास मोझेस च्या १० आदेश पासून दिसून येते , त्या वेळी इजिप्त मद्ये लोक धर्म होता व त्याचे पालन तिथला राजा फारोहा करीत असे त्यांच्या लोक धर्मात अनेक दैवी देवता व त्यांचे पुतळे असत . तिथे राजा ला देवा चा अंश मानले जात असे व पुजारी जे सांगेल तो धर्म मानून राजा त्या वर कार्यवाही करीत असे . या मध्ये किती नीतिमता होती तो भाग वेगळा . मोझेस ने १० आदेशा मध्ये नीतिमत्तेला प्राधान्य दिले असे दिसून येते त्याच्या १० आदेशात पुतळ्याची पूजा करू नका इथं पासून खोटे बोलू नका , चोरी करू नका , व्यभिचार करू नका असे आदेश दिसून येतात मात्र , प्राणी हत्या वर त्या मध्ये भस्य नाही . ख्रिस्ती धर्म व मुस्लिम धर्म मोझेस ला आपला पूर्वज , देवदूत मानतात त्या मुले या १० आदेशाचा आधार पुढे या धर्मनी सुद्धा घेतला असे दिसून येते . पुढे माफ करा , रागावू नका , भांडू न...
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हम चुनाव और प्रचार आप पर ही छोड़ देते है ! ब्राह्मण धर्म : ग्रन्थ वेद , कानून मनुस्मृति हिन्दू धर्म ; ग्रन्थ बीजक , कानून हिन्दू कोड बिल ब्राह्मण धर्म ; प्रारंभ ; ब्राह्मण लोक , ब्रह्म्हा, हिंदुस्तान के बहार हिन्दू धर्म ; प्रारंभ ; हिन्दू लोक , , शिव , हिंदुस्तान के आदिवासी ब्राह्मण धर्म : भेद , वर्ण , जाती , छुवाछुत , जनेऊ , होम हवन , ब्राह्मण हिन्दू धर्म : वेद , वर्ण , जाती , ऊंचनीच , ब्राह्मण , जनेऊ आदि कुछ नहीं ब्राह्मण धर्म ; देवता -बलात्कारी ब्रह्मा , विष्णु , इंद्रा , रूद्र , सोम ,ब्राह्मण हिन्दू धर्म : देवता - गैर ब्राह्मण शिव , राम , क्रृष्ण, कबीर साई , हिन्दू ब्राह्मण धर्म ; उत्पत्ति - विदेशी हिन्दू धर्म :उत्पत्ति - स्वदेशी ब्राह्मण धर्म : धर्म रंग ; काला हिन्दू धर्म : धर्म रंग : पीला ब्राह्मण धर्म : लोक संख्या - हिंदुस्तान में ३ पैर सेण्ट हिन्दू धर्म : लोक संख्या - हिंदुस्तान में ९७ पैर सेण्ट ब्राह्मण धर्म, लोक , संस्कृति विदेशी होने के प्रमाण - ...
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Native Hero Award - 2019 २०१९ जनुअरी २६ को नागपुर में दिया जाएगा ५ लोगो को नेटिव हीरो अवार्ड . नेटिविज़्म , नेटिव हिंदुत्व , नेटिव इतिहास , नेटिव साहित्य और नेटिव शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वाले गैर ब्राह्मण नेटिव लोगो को रोख रुपये २००० , नेटिव हीरो मानपत्र , रेलवे का सेकंड क्लास का भाड़ा , २ दिन रहने का खर्चा सब नेटिव रूल मूवमेंट वहां करेगा। ३ नेटिव रूल मूवमेंट से जुड़े नेटिविस्ट का पैनल आने वाले नामो में से यह ५ व्यक्ति का चुनाव करेंगे। नामांकन कोई भी गैर ब्राह्मण निम्न ईमेल पर नामांकित व्यक्ति का डिटेल और अपना डिटेल , एड्रेस , मो. नंबर , ईमेल भेज कर १५ अगस्त २०१८ तक कर सकते है। ईमेल : Email : daulatraodomajiraut@gmail.com नेटिविस्ट डी.डी.राउत , अध्यक्ष , नेटिव रूल मूवमेंट
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हम अपनी विचार सरणी नेटिविज़्म से प्रामाणिक है। क्या गाँधी , आंबेडकर ने जय मार्क्स , जय मार्क्सवाद कहा ? नहीं। क्या आंबेडकर ने जय गाँधी , जय गांधीवाद कहा ? नहीं। क्या गाँधी ने जय आंबेडकर जय अम्बेडकरवाद कहा ? नहीं। मार्क्स , गाँधी , आंबेडकर ये अलग अलग विचार सरणी है वैसे ही नेटिविज़्म एक अलग और स्वतंत्र विचार सरणी है। हम अपनी विचार सरणी नेटिविज़्म से प्रामाणिक है। हम कहते है नेटिविज़्म हमारा गुरु है , नेटिव हिंदुत्व हमारा मार्गदर्शन ! नेटिविस्ट डी.डी.राउत , अध्यक्ष , नेटिव रूल मूवमेंट
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हम है इस देश के मालिक। नेटिविस्ट राउत लोग पंडितवादी कांग्रेस से तंग आगये थे , किसी गैर ब्राह्मण पार्टी को चाहते थे , बिच में बहुतसी गैर ब्राह्मण पार्टियों को वोट देकर गैर ब्राह्मण नेटिव लोगो ने उनको मजबूती भी दी थी। उस समय एक और ब्राह्मण पार्टी बीजेपी उभर रही थी जिसके नाम पर केवल २ सांसद थे जब वो जनसंघ नाम से जानी जाती थी। पंडित हटावो की मुहीम ताज हुवी , जनेऊ छोडो कहा गया, गैर ब्राह्मण पार्टिया बहुत सारे प्रदेशो में सत्ता में आये पर फिर विदेशी ब्राह्मण प्रेम ने उन्हें डुबो दिया। ये गैर ब्राह्मण पार्टिया फिर कांग्रेस , बीजेपी से गठबंधन करने लगी , बीजेपी ने इसका फायदा उठाया गैर ब्राह्मण लीडर्स , कार्यकर्तवो को ब्राह्मण बेटिया देकर फुसलाने लगे , बीजेपी ताकतवर हुवी , गैर ब्राह्मण पार्टिया कमजोर होती चली गयी। वोटर जो गैर ब्राह्मण थे सोचने लगे जब ये लोग बाद में ब्राह्मण ,पंडित से हाथ मिलते ही है तो सीधे सीधे उन्ही ब्राह्मण , पंडित पार्टियों को क्यों ना साथ दे ? नतीजा आज गैर ब्राह्मण मूवमेंट ख़त्म हो गयी , सभी चाटुकारिता कर रहे है , कुछ उन ब्राह्मण , पंडितवादी पार्टी के मंत...
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ब्राह्मण धर्म विरुद्ध हिन्दू धर्म : नेटिविज़्म नेटिविस्ट डी.डी.राउत ने अपने यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ़ नेटिविज़्म में यह विश्व को बताया है की नेटिविज़्म यह विश्व विचार सारणी है जो विश्व के सभी देश , विश्व के सभी नेटिव लोग अपने अपने देश में ऐसे बेझिजक लागु कर सकते है और अपने देश को , अपने देश के नेटिव लोगो को विदेशी उत्पीड़न , गुलामी से आज़ादी दिला सकते है। नेटिविज़्म के साथ साथ लोकल कंट्री की नेटिविटी यहाँ काम कराती है जिसे हम हिंदुस्तान में हिंदुत्व कहते है , दूसरे देश में वो उस देश के नाम से या संस्कृति , धर्म से जुडी हो सकती है। हिंदुस्तान ने नेटिविस्ट डी.डी.राउत ने नेटिविज़्म को अपना गुरु घोषित किया वैसा ही वो विश्व के सभी नेटिव लोगो का गुरु है तथापि , भिन्न भिन्न देशो में मार्गदर्शन वहा की नेटिविटी जिस नाम से जानी जाती है वही हो सकती है जैसे हिंदुस्तान में हिंदुत्व यह नेटिविटी है क्यों की विदेशी ब्राह्मण , विदेशी ब्रिटिश , विदेशी मोंघल , विदेशी ग्रीक , विदेशी ईरानी , पारसी आने के पहले सिंधु - हिन्दू संस्कृति से इस देश में हिंदुत्व ही नेटीवीटी रही है और कुछ लोग...
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Barbarian Videshi Brahmins of Brahmin Dharm received Dharm knowledge from Native Hindu on Makar Sankrani day : On Makar Sankrati day foreigner Vishnu a Brahmin Religion persons received the knowledge of self from Native Lord Shiva , a Hindu Religion founder. This shows Foreigner Brahmin religion people were ignorant of high spiritual knowledge. Here is evidence: Makar Sankranti Festival Makar Sankranti Sun enters the Capricorn sign on 14th January. In south India, the Tamil year begins from this date. This festival is known as “Thai Pongal” in South India. Sindhi people call this festival as “Tirmauri”. This festival is known as “Makar Sankranti” in North India and “Uttarayan” in Gujarat. Other names of this festival are as follows: Lohri(13th January) in Punjab, Uttarayani in Uttarakhand, Uttarayan in Gujarat, Pongal in Kerala, Khichadi Sankranti in Garhwal. Beliefs Associated with Makar Sankranti According to one of the beliefs, lor...
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आप को जो चाहिए वो लेलो , हमें कुछ नहीं चाहिए : नेटिविस्ट डी.डी.राउत किसी को महात्मा गाँधी चाहिए , किसी को तिलक , किसी को महात्मा फुले चाहिए , किसी को मराठा शिवाजी तो किसी को बहुजन शिवाजी , किसी को मार्क्स चाहिए तो किसी को माओ ,किसी को सीधासाधा आंबेडकर चाहिए तो किसी को बुद्धिस्ट आंबेडकर , किसी को बहुजन आंबेडकर चाहिए तो किसी को सर्वजन आंबेडकर, किसी को अमबेडकरी साथै चाहिए तो किसी को मार्क्सवादी साठे , किसी को पेरियार , किसी को आज़ाद , किसी को नेताजी , किसी को भगत सिंह। आप को जो चाहिए वो लेलो , हमें कुछ नहीं चाहिए यह हम साफ साफ कर रहे है। हम नेटिविस्ट है , हमारा गुरु है नेटिविज़्म। एक म्यान में दो तलवार नहीं हो सकती। वैसे भी नेटिविज़्म सब का बाप है चाहे गाँधी हो या फुले सब उसके बच्चे है। हम कहते है नेटिव हिंदुत्व। हम है हिंदुस्तानी , हिन्दू चाहे किसी भी धर्म के हो केवल विदेशी ब्राह्मण छोड़ , बाकी सब नेटिव है ,हिन्दू है , हिंदुस्तानी है। हमें विदेशी ब्राह्मण धर्म नाकारा है क्यों की वो अधर्म है , सत्य हिन्दू धर्म और हिन्दू का विरोधी है , यही बात कभी बुद्धा ने ...
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नेटिविज़्म : हम सब का गुरु : नेटिविस्ट डी.डी.राउत नेटिविज़्म के जनक नेटिविस्ट डी.डी.राउत नेटिविज़्म को अपना गुरु मानते है , नेटिव हिंदुत्व को अपना मार्गदर्शन। आपको पसंद है तो आप भी नेटिविस्ट बन सकते है। नेटिविज़्म हम सब का गुरु है और नेटिव हिंदुत्व से हम हिंदुस्तान की तमाम समश्याए दूर कर सकते है। हिंदुस्तान हमारा देश है। हम हिंदुस्तान के नेटिव होने कारण हिन्दू है चाहे हमारा कोई धर्म हो सकता है पर हमारा धर्म विदेशी ब्रह्मिन धर्म जो वेद ,मनुस्मृति पर आधारित है और वर्ण , जाती , भेदभाव , ऊंचनीच , अस्पृश्यता , जनेऊ , होम- हवं , ब्राह्मण पुजारी मनाता है और नेटिव हिंदुस्तानी को दुय्यम कहता है ,अछूत , शूद्र , नीच कहता है , गैर ब्राह्मण चाहे वो क्षत्रिय , वैश्य , आदिवासी हो मुस्लिम , बौद्ध , जैन , सिख , क्रिस्चियन हो जो पहले हिन्दू ही है उन्हें प्रताड़ित करता हो , भेदभाव करता हो , विषमता को बढ़ता हो उसे ख़त्म करना ही नेटिव हिंदुत्व है जो विदेशी ब्राह्मण भगा कर देश में हिंदवी स्वराज , नेटिव रूल लेन के लिए कटिभाव है। हम कहते है जनेऊ छोडो , भारत ज...
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सत्य हिन्दू धर्म सभा : आज का विचार : स्वामी विवेकानंद जागतिक धर्म परिषद् में भाइयो और बहनो कह सके क्यों की वे सत्य हिन्दू धर्मी थे , ब्राह्मण धर्मी नहीं : स्वामी विवेकानंद जागतिक धर्म परिषद् , अमेरिका में गए और वह अपना धर्म प्रवचन देते हुवे सम्बोधन पर उपस्थित लोगो को भाई और बहनो कहा सके क्यों की वे धर्मात्मा कबीर के अनुयायी और सत्य हिन्दू धाम के अनुयायी थे न की ब्राह्मण वैदिक धर्म के . हमें जानना होगा की ब्राह्मण धर्म एक अधर्म है और वो पवित्र भाई - बहन के रिश्त...