आप को जो चाहिए वो लेलो , हमें कुछ नहीं चाहिए : नेटिविस्ट डी.डी.राउत
किसी को महात्मा गाँधी चाहिए , किसी को तिलक , किसी को महात्मा फुले चाहिए , किसी को मराठा शिवाजी तो किसी को बहुजन शिवाजी , किसी को मार्क्स चाहिए तो किसी को माओ ,किसी को सीधासाधा आंबेडकर चाहिए तो किसी को बुद्धिस्ट आंबेडकर , किसी को बहुजन आंबेडकर चाहिए तो किसी को सर्वजन आंबेडकर, किसी को अमबेडकरी साथै चाहिए तो किसी को मार्क्सवादी साठे , किसी को पेरियार , किसी को आज़ाद , किसी को नेताजी , किसी को भगत सिंह। आप को जो चाहिए वो लेलो , हमें कुछ नहीं चाहिए यह हम साफ साफ कर रहे है।
हम नेटिविस्ट है , हमारा गुरु है नेटिविज़्म। एक म्यान में दो तलवार नहीं हो सकती। वैसे भी नेटिविज़्म सब का बाप है चाहे गाँधी हो या फुले सब उसके बच्चे है।
हम कहते है नेटिव हिंदुत्व। हम है हिंदुस्तानी , हिन्दू चाहे किसी भी धर्म के हो केवल विदेशी ब्राह्मण छोड़ , बाकी सब नेटिव है ,हिन्दू है , हिंदुस्तानी है। हमें विदेशी ब्राह्मण धर्म नाकारा है क्यों की वो अधर्म है , सत्य हिन्दू धर्म और हिन्दू का विरोधी है , यही बात कभी बुद्धा ने कही , कभी महावीर ने तो कभी गुरु नानक ने। हिन्दू धर्म का एकमात्र ग्रन्थ बीजक यह कबीर की पवित्र वाणी है और हिन्दू कानून डॉ. आंबेडकर ने बनाया हिन्दू कोड बिल। फिर और हमें क्या चाहिए। डॉ. अमबेडकर ने हिन्दू , बौद्ध , जैन सिख सभी हिन्दू ही माना केवल ब्राह्मण वैदिक ब्राह्मण धर्मी है जिन का ग्रन्थ है वेद और भेद और कानून है मनुस्मृति जाती , वर्ण , अस्पृश्यता , ऊंचनीच मानाने वाला ब्राह्मण धर्म है। ब्रह्मिनो ने कई बार कहा वो हिन्दू नहीं , जिजियाmaaf हो गया। ब्रिटिशो को उन्होंने बताया वो उनके जैसे ही विदेशी है , तिलक ने सिद्ध कर दिया।
ब्रिटिश गए , वे विदेशी थे , अब बारी है विदेशी ब्राह्मण भगवो कहने की जो हम नेटिव रूल मोवेमेंट के तहत बड़े साफ़ सब्दो में कह रहे है , विदेशी ब्राह्मण हिंदुस्तान छोडो। हमें नेटिव रूल लाना है। हमें केवल १००० नेटिविस्ट चाहिए जो खुल कर नेटिव रूल मूवमेंट का नेतृत्व करेंगे। हमें किसी बड़े या महापुरुष के कथन की विचारो की जरुरत नहीं क्यों की नेटिविज़्म एक सक्षम विचार सरणी है। जो परिपूर्ण और परिपक्व है , जरुरत है ,धासु , डंके की चोट पर कहनेवाले , काम करनेवाले युवा नेटिव लोगो की जो ५ साल देश सेवा , नेटिव लोगो की सेवा और नेटिविज़्म को दे सके , आज युवा , बेरोजगार , हताश है , पैसा नहीं है , काम धंदा नहीं है पर देश के लिए , समाज के लिए ५-१० साल भी देना नहीं चाहते और अपनी किस्मत , विदेशी ब्राह्मण , ब्रह्मिणवाद को कोसते रहते है। क्या ऐसे से समश्या हल होगी ? गाँधी , फुले , आंबेडकर आदि के रेट रटाये विचार दोहराने से नेटिव रूल आएगा। नहीं। बिलकुल नहीं।
खटिया पर मांगने से कुछ नहीं मिलेगा , भिक भी नहीं , सत्ता कैसे मिलेगी ?
नेटिविस्ट डी.डी.राउत आज ७० के पर है पर अपने देश , अपने हिंदुस्तान , ९७ पैर सेण्ट नेटिव हिंदुस्तानी हिन्दू के लिए ३ पैर सेण्ट विदेशी ब्रह्मिनो से लड़ने की ना केवल बात करात है , गोली खाने के लिए भी सीना तने आगे ही है और रहेगा। देश सेवा , जान सेव ऐसे ही नहीं होती। बलिदान , कठोर परिश्रम , डिसिप्लिन मानेगा है। एक संघटन एक विचार , एक नेता माँगा है ,जो नेटिविज़्म है नेटिविज़्म हमारा गुरु है वही , विचार और नेता भी , हमें किसी दूसरे नेता , विचार की जरुरत नहीं , वो सब आप रख लो। आप को मुबारक !
नेटिविस्ट डी.डी.राउत ,
अध्यक्ष
नेटिव रूल मूवमेंट
देश के लिए हमारा सन्देश : जनेऊ छोडो , भारत जोड़ो
किसी को महात्मा गाँधी चाहिए , किसी को तिलक , किसी को महात्मा फुले चाहिए , किसी को मराठा शिवाजी तो किसी को बहुजन शिवाजी , किसी को मार्क्स चाहिए तो किसी को माओ ,किसी को सीधासाधा आंबेडकर चाहिए तो किसी को बुद्धिस्ट आंबेडकर , किसी को बहुजन आंबेडकर चाहिए तो किसी को सर्वजन आंबेडकर, किसी को अमबेडकरी साथै चाहिए तो किसी को मार्क्सवादी साठे , किसी को पेरियार , किसी को आज़ाद , किसी को नेताजी , किसी को भगत सिंह। आप को जो चाहिए वो लेलो , हमें कुछ नहीं चाहिए यह हम साफ साफ कर रहे है।
हम नेटिविस्ट है , हमारा गुरु है नेटिविज़्म। एक म्यान में दो तलवार नहीं हो सकती। वैसे भी नेटिविज़्म सब का बाप है चाहे गाँधी हो या फुले सब उसके बच्चे है।
हम कहते है नेटिव हिंदुत्व। हम है हिंदुस्तानी , हिन्दू चाहे किसी भी धर्म के हो केवल विदेशी ब्राह्मण छोड़ , बाकी सब नेटिव है ,हिन्दू है , हिंदुस्तानी है। हमें विदेशी ब्राह्मण धर्म नाकारा है क्यों की वो अधर्म है , सत्य हिन्दू धर्म और हिन्दू का विरोधी है , यही बात कभी बुद्धा ने कही , कभी महावीर ने तो कभी गुरु नानक ने। हिन्दू धर्म का एकमात्र ग्रन्थ बीजक यह कबीर की पवित्र वाणी है और हिन्दू कानून डॉ. आंबेडकर ने बनाया हिन्दू कोड बिल। फिर और हमें क्या चाहिए। डॉ. अमबेडकर ने हिन्दू , बौद्ध , जैन सिख सभी हिन्दू ही माना केवल ब्राह्मण वैदिक ब्राह्मण धर्मी है जिन का ग्रन्थ है वेद और भेद और कानून है मनुस्मृति जाती , वर्ण , अस्पृश्यता , ऊंचनीच मानाने वाला ब्राह्मण धर्म है। ब्रह्मिनो ने कई बार कहा वो हिन्दू नहीं , जिजियाmaaf हो गया। ब्रिटिशो को उन्होंने बताया वो उनके जैसे ही विदेशी है , तिलक ने सिद्ध कर दिया।
ब्रिटिश गए , वे विदेशी थे , अब बारी है विदेशी ब्राह्मण भगवो कहने की जो हम नेटिव रूल मोवेमेंट के तहत बड़े साफ़ सब्दो में कह रहे है , विदेशी ब्राह्मण हिंदुस्तान छोडो। हमें नेटिव रूल लाना है। हमें केवल १००० नेटिविस्ट चाहिए जो खुल कर नेटिव रूल मूवमेंट का नेतृत्व करेंगे। हमें किसी बड़े या महापुरुष के कथन की विचारो की जरुरत नहीं क्यों की नेटिविज़्म एक सक्षम विचार सरणी है। जो परिपूर्ण और परिपक्व है , जरुरत है ,धासु , डंके की चोट पर कहनेवाले , काम करनेवाले युवा नेटिव लोगो की जो ५ साल देश सेवा , नेटिव लोगो की सेवा और नेटिविज़्म को दे सके , आज युवा , बेरोजगार , हताश है , पैसा नहीं है , काम धंदा नहीं है पर देश के लिए , समाज के लिए ५-१० साल भी देना नहीं चाहते और अपनी किस्मत , विदेशी ब्राह्मण , ब्रह्मिणवाद को कोसते रहते है। क्या ऐसे से समश्या हल होगी ? गाँधी , फुले , आंबेडकर आदि के रेट रटाये विचार दोहराने से नेटिव रूल आएगा। नहीं। बिलकुल नहीं।
खटिया पर मांगने से कुछ नहीं मिलेगा , भिक भी नहीं , सत्ता कैसे मिलेगी ?
नेटिविस्ट डी.डी.राउत आज ७० के पर है पर अपने देश , अपने हिंदुस्तान , ९७ पैर सेण्ट नेटिव हिंदुस्तानी हिन्दू के लिए ३ पैर सेण्ट विदेशी ब्रह्मिनो से लड़ने की ना केवल बात करात है , गोली खाने के लिए भी सीना तने आगे ही है और रहेगा। देश सेवा , जान सेव ऐसे ही नहीं होती। बलिदान , कठोर परिश्रम , डिसिप्लिन मानेगा है। एक संघटन एक विचार , एक नेता माँगा है ,जो नेटिविज़्म है नेटिविज़्म हमारा गुरु है वही , विचार और नेता भी , हमें किसी दूसरे नेता , विचार की जरुरत नहीं , वो सब आप रख लो। आप को मुबारक !
नेटिविस्ट डी.डी.राउत ,
अध्यक्ष
नेटिव रूल मूवमेंट
देश के लिए हमारा सन्देश : जनेऊ छोडो , भारत जोड़ो
Comments
Post a Comment