तुम्हारा बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा ! मुझे चाहिए नेटिविज़्म के लिए पञ्च प्यारे ! नेटिव जन सेनानी जो नेटिविज़्म , नेटिव हिंदुत्व , नेटिव नेशन के लिए अपने जान की कुर्बानी देने के लिए तैयार है , अपना शीश देने के लिए तत्पर है , सब कुछ नेटिव लोगो के भलाई के लिए , नेटिव रूल , स्वदेशी स्वराज लेन के लिए अपने जान की बाजी लगानेके लिए तैयार है ! बुद्ध को पांच प्यारे मिले , वे वो पांच शांति खोज में निकले साधक थे वे बुद्धा के प्रथम अनुयायी भिक्कु बने ! गुरु नानक की गुरु परंपरा में गुरु गोविन्द सिंह को वो पांच प्यारे मिले जो अपना शीश गुरु के काम के लिए , खालसा के लिए तैयार हुवे उनका नाम भी इतिहास में सोने के अक्षरों में लिखा गया ! चाहे गाँधी हो , मार्क्स हो , आंबेडकर हो उनके काम को आगे बढ़ने के लिए उन्हें तन , मन , धन से काम करने वाले सहयोगी , साथीदार मिले वे थे उनके पंज प्यारे ! नेटिव रूल मूवमेंट , नेटिविज़्म , नेटिव हिंदुत्व भी ऐसे काम से काम पांच लोग , युवक चाहता है जो पंज प्यारे जैसे सब कुछ नौछावर कर मूल भारतीय लोगो के हिंदवी स्वराज के लिए काम करना चाहते है...
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